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यूरेनियम से दूषित पानी पर एनजीटी के नोटिस ने किया पंजाब और केंद्र सरकार की नाकामी का पर्दाफाश : परगट सिंह
-परगट बोले – पंजाब के कई ज़िलों में पीने के पानी में खतरनाक स्तर पर यूरेनियम, हजारों लोगों की ज़िंदगी खतरे में
-जल जीवन मिशन की फंडिंग क्यों रोकी? सरकार बताए, प्रभावित इलाकों में तुरंत मेडिकल कैंप और शुद्धिकरण संयंत्र लगाए जाएं
-जीरा की जनता की जीत, तीन साल संघर्ष कर डिस्टिलरी बंद करवाई, बाकी प्रदूषक उद्योगों पर सरकार तोड़े चुप्पी
चंडीगढ़, 13 सितंबर 2025 (सोनू) :
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का पंजाब और केंद्र सरकार को जारी नोटिस इस बात का सबूत है कि दोनों ही सरकारें पंजाब के स्वास्थ्य संकट से आंखें मूंदकर बैठी थीं। पंजाब के कई ज़िलों में पीने योग्य पानी में खतरनाक स्तर पर यूरेनियम पाया गया है। यह केवल पर्यावरणीय मामला नहीं, बल्कि हजारों परिवारों की जान का सवाल है। उन्होंने जीरा की माल्ब्रोज डिस्टिलरी को बंद करके गिराने का आदेशों का भी स्वागत किया। इसे जनता की जीत बताया।
सुरक्षित पानी हर नागरिक का अधिकार है
परगट सिंह ने कहा कि सुरक्षित पानी हर नागरिक का अधिकार है। एनजीटी ने दोनों सरकारों को मजबूर किया है कि अब वे जिम्मेदारी लें। तुरंत फंड जारी हों, शुद्धिकरण संयंत्र लगें, मैडीकल स्क्रीनिंग शुरू हो और पानी की गुणवत्ता का डाटा सार्वजनिक किया जाए। देरी या बहाने अब बर्दाश्त नहीं होंगे।
पंजाब को राहत की बातें नहीं, न्याय चाहिए। स्वच्छ पानी पर समझौता नहीं हो सकता
परगट सिंह ने कहा कि यूरेनियम संदूषण और जीरा की जीत दोनों ही घटनाएं साबित करती हैं कि पंजाब को अब पारदर्शी शासन, प्रदूषकों पर सख्त कार्रवाई और सक्रिय जनता की भागीदारी चाहिए। पंजाब को राहत की बातें नहीं, न्याय चाहिए। स्वच्छ पानी पर समझौता नहीं हो सकता। प्रदूषकों को दंड मिले, सरकारें ईमानदारी से काम करें और जनता को सशक्त बनाया जाए। यह जीवन बचाने का सवाल है, न कि सुर्खियां बनाने का।
उन्होंने मांग की कि केंद्र और एनजीटी के साथ तालमेल के लिए राज्य स्तर पर विशेष टास्क फोर्स बनाई जाए। इसके साथ ही पानी की गुणवत्ता की लगातार निगरानी कर पब्लिक डैशबोर्ड बनाया जाना चाहिए। नियम तोड़ने वाले उद्योगों पर तुरंत आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए। यूरेनियन प्रभावित इलाकों में लोगों की सेहत की जांच के लिए तुरंत मैडीकल कैंप लगाए जाएं।
जीरा की जीत : जनता की ताकत की मिसाल
परगट सिंह ने एनजीटी की तरफ से जीरा की माल्ब्रोज डिस्टिलरी को स्थायी रूप से बंद करने और ध्वस्त करने के आदेश को ऐतिहासिक बताया। यह फैसला सांझा मोर्चा, 40 गांवों के संयुक्त संघर्ष का नतीजा है, जिसने तीन साल तक प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जीरा की जनता ने दिखा दिया कि संगठित संघर्ष कैसे बड़े प्रदूषकों को झुका सकता है। लेकिन यह सिर्फ एक जंग जीती गई है, लड़ाई अभी जारी है। पंजाब सरकार को हर उस उद्योग पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो ज़मीन, हवा और पानी को ज़हर बना रहे हैं।
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