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परगट बोले, लोगों को प्रति एकड़ 50 हजार का मुआवजा दिया जाए
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जालंधर (राजन) : आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं विधायक परगट सिंह ने कहा कि कैबिनेट बैठक में बाढ़ पीड़ितों के संबंध में लिए गए फैसले लोगों के हित में नहीं हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजा काफी कम है। अगर लोगों की मदद करनी है तो सरकार बाढ़ में खराब फसलों का मुआवजा 20 हजार के बजाय 50 हजार रुपये प्रति एकड़ करे। बाकी फसलों के अलावा गन्ने की फसल के लिए अलग से एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा हो। यह मांग भी की की बाढ़ पड़ितों के लिए दिए जाने वाले डीजल पर तीन महीने के जीएसटी न लगाया जाए। इससे बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों में तेजी आएगी। लिए परगट सिंह ने कहा कि बाढ़ में मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है, जो उचित नहीं है। नकली शराब पीकर मरने वालों को तो सरकार तुरंत 10- 10 लाख रुपये का मुआवजा घोषित कर देती है, लेकिन बाढ़ में सरकार की लापरवाही से मरने वालों को इतना कम मुआवजा। बाढ़ में मरने वालों के परिजनों को भी 10-10 लाख रुपये मुआवजा ही दिया जाना चाहिए। उनके परिवारों में से एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।
जिसका खेत-उसकी रेत पालिसी पर उठाए सवाल परगट ने जिसका खेत उसकी रेत पालिसी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने 2023 में भी खेतों से रेत उठाने के लिए आदेश दिए थे, पर नोटिफिकेशन सिर्फ 72 घंटे के लिए की। इससे किसानों को फायदा तो क्या मिलना था, उल्टा उनके खिलाफ जेसीबी चलाने पर पर्चे दर्ज करवा दिए। सरकार खेतों से रेत उठाने के लिए किसानों को अधिक समय दे, ताकि जेसीबी का इस्तेमाल कर रेत उठवा सकें।
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