पंजाब सरकार ने कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव टाला, बड़ी वजह आई सामने

पंजाब सरकार ने कलेक्टर रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने लोगों की नाराजगी से बचने के लिए यह फैसला लिया है। क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि वह इस समय आम लोगों का विरोध झेले। इससे पहले लैंड पूलिंग पॉलिसी का काफी ज्यादा विरोध देखने को मिला था, जिसके बाद सरकार ने पॉलिसी को वापिस लेने का ऐलान किया था। 

7 हजार करोड़ रेवेन्यू का था टारगेट
दरअसल सरकार ने स्टैंप और रजिस्ट्रेशन से 7 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू का टारगेट रखा था। जोकि पिछले साल के 5750 करोड़ रुपए से कहीं अधिक हैं। जिन इलाकों में कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव था, उनमें लुधियाना और बठिंडा शामिल है। 

इन जिलों में बढ़ा चुकी है कलेक्टर रेट
गौर हो कि पंजाब सरकार 12 जिलों में कलेक्टर रेट बढ़ा चुकी है। सरकार ने जालंधर, अमृतसर, पठानकोट, कपूरथला, नवांशहर, रूपनगर, मोगा, बरनाला, मलेरकोटला, फरीदकोट और फाजिल्का में 5 से 50 फीसदी तक रेट बढ़ा दिए हैं।  
 
जानिए क्या होता है कलेक्टर रेट
दरअसल कलेक्टर रेट जमीन की बाजार के हिसाब से कीमत होती है। जमीन वह न्यूनतम कीमत होती है, जिस पर कोई रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीददार को बेचा जाता है। जमीन के कलेक्टर रेट जिला प्रशासन के तरफ से तय किए जाते हैं और अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग रेट होते हैं।

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