पंजाब को दहलाने की साज़िश बेनकाब टास्क फोर्स के हाथ लगी IED पढ़ें पूरी खबर
पंजाब के शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया करार दे दिया है। तनखैया करार दिए जाने के साथ ही उनकी धार्मिक सजा का भी ऐलान कर दिया गया है। उन्हें यह सजा श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी समागम में हुए डांस व गीत प्रोग्राम को लेकर दी गई है।
जत्थेदार ने पूछा -आपने क्यों नहीं रोका समागम
जत्थेदार कुलदीप गड़गज ने शिक्षामंत्री हरजोत बैंस से सवाल पूछते हुए कहा कि मंत्री जी, श्रीनगर में शहीदी समागम में जो हुआ वह सिख इतिहास का उल्लंघन है, उसमें अश्लील गीत गाए गए, अगर आप वहां थे तो उसे रोका क्यों नहीं, क्या आप मानते हैं कि आपसे गलती हुई है।
हरजोत बैंस ने मानी अपनी गलती
जत्थेदार गड़गज के सवाल पर हरजोत बैंस कहते हैं कि जी जत्थेदार साहिब, मैं मानता हूं कि मुझसे गलती हुई है। मैं उस समागम में था और मुझे उस समय इसे रोकना चाहिए था। मैं भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहूंगा। मैं सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करता हूं और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित न हों जो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाएं।
हरजोत बैंस को मिली यह सजा
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने हरजोत बैंस को सजा सुनाई कि वह श्री दरबार साहिब से गुरुद्वारा गुरु के महल तक पैदल जाएंगे। वहीं इस दौरान वह रास्तों में सभी खराब सड़कों को ठीक करवाएंगे। इसके साथ ही उन्हें गुरुद्वारा कोठा साहिब 100 मीटर पैदल चलकर जाना होगा। 2 दिन जूता साफ करने की सेवा करनी भी होगी। वहीं 110 रुपए का कड़ा प्रसाद की देग करवाने का भी आदेश।
24 जुलाई को हुआ था प्रोग्राम
बता दें कि 24 जुलाई को पंजाब भाषा विभाग की तरफ से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस का समागम करवाया था। इस समागम के दौरान गाने और भंगड़े डाले गए थे। समागम की वीडियो सामने आने के बाद इसका काफी विरोध हुआ और इसे सिख मर्यादा के खिलाफ बताया गया। जिसके बाद यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब के पास पहुंचा।
विवाद होने के बाद हरजोत बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह जफर को पांच साहिबानों ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए एक अगस्त को बुलाया। पर किसी कारण वह स्थगित हो गई और इसके बाद दोनों को 6 अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया। जिसके बाद हरजोत बैंस आज श्री अकाल तख्त के सामने पहुंचे और अपनी गलती स्वीकार की। वहीं जफर विदेश में होने के कारण पेश नहीं हुए और चिट्ठी भेजकर बाद में पेश होने का आग्रह किया। जफर अब 13 अगस्त को पेश होंगे।
जानें क्या होती है तनखैया सजा
तनखैया के दौरान मिलने वाली सजा का कड़ाई से पालन करना होता है। इस दौरान उसे गुरुद्वारे में सेवा करनी होती है। तनखैया को पांचों ककार (कछहरा, कंघा, कड़ा, केश और कृपाण) धारण करके रखने होते हैं। साथ ही उसे शरीर की स्वच्छता और पवित्रता का भी पूरा ख्याल रखना होता है।
सजा के दौरान रोज सुबह शाम गुरु साहिब के सामने होने वाली अरदास में शामिल होना पड़ता है। इसके तहत सजा मूलरूप से सेवाभाव वाली होती है। आरोपी को गुरुद्वारों में बर्तन, जूते और फर्श साफ करने जैसी सजाएं दी जाती हैं। जब तनखैया की सजा समाप्त होती है तो अरदास के साथ यह प्रक्रिया पूरी की जाती है।
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