पीले पत्ते और हमारे बुजुर्ग

*पीले पत्ते और हमारे बुजुर्ग*????

*पौधों की टहनियों पर लगे पीले पत्ते* 
*मत तोड़ो तुम....!*
*चंद रोज में....*
*खुद ब खुद  झड़ जाएंगे ।*

*बैठा करो....,*
*कुछ तो अपने बुजुर्गों के पास तुम,*
*एक दिन खुद ही ये चुप हो जाएंगे ।*

*खर्चने दो.....*
*उन्हें बेहिसाब तुम यारों !*
*एक दिन.....,*
*सब तुम्हारे लिए छोड़ जाएंगे ।*

*मत टोको, मत रोको उनको बार बार*
*बात दुहराने पर.....,*
*एक दिन हमेशा के लिए वे ख़ामोश हो जायेंगे ।*

*इनका आशीर्वाद सर पर ले लिया करो तुम ,*
*वर्ना फ़िर ये तस्वीरों में ही नज़र आयेंगे ।*

*खिला दो उनको कुछ उनकी ही पसंद का.... ,*
*वरना फिर श्राद्ध में भी देखना वे खाने नहीं आयेंगे ।*
*पौधों की टहनियों पर लगे पीले पत्ते...*
*मत तोड़ो तुम.....।*
चंद रोज मे..... |
खुद ब खुद झड़ जायेंगे l

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