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ब्लैक स्पाट पर डीसी ने एनएचएआइ अधिकारियों को लगाई फटकार
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जालंधर (राजन) : जिला सड़क सुरक्षा कमेटी की वीरवार को हुई बैठक में हाईवे के गड्ढों और ब्लैक स्पाट को लेकर डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल और एडीसी अमनिंदर कौर ने नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि सर्विस लेन के गड्ढों की स्थिति अत्यंत खराब है, जिससे निकलना मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद सड़क की मरम्मत क्यों नहीं की जा रही है? डीसी ने स्पष्ट किया कि वे समझते हैं कि नई सड़कें बनाना संभव नहीं है, लेकिन मरम्मत तो की जा सकती है। इस पर एनएचएआइ अधिकारियों को सफाई देना मुश्किल हो गया। डीसी ने दोहराया कि हादसे हुए तो जिम्मेदारों पर मामला दर्ज करवाएंगे।
बैठक का आयोजन वीरवार शाम चार बजे हुआ, जिसमें डीसी 50 मिनट की देरी से पहुंचे। एडीसी अमनिंदर कौर ने पहले बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बताया गया कि जालंधर में 56 ब्लैक स्पाट हैं, जिनमें जालंधर-एक में 24, जालंधर-टू में 11, शाहकोट में नौ, नकोदर में आठ, फिल्लौर में तीन और आदमपुर सब डिवीजन में एक ब्लैक स्पाट शामिल है। इनमें से 31 ब्लैक स्पाट केवल हाईवे पर हैं। डीसी ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल सुधार कार्य शुरू करने का अ निर्देश दिया। डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल ने सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर इन ब्लैक स्पाट क्षेत्रों को ठीक करने और स्थायी समाधान लागू होने तक यात्रियों को सचेत करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। ब्लैक स्पाट को कई महीनों के आंकड़ों के आधार पर चिह्नित किया गया है। प्रशासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर किशनगढ़ चौक पर नई ट्रैफिक लाइटें लगाने की मंजूरी दी है, जहां अधिक हादसों की आशंका है। यहां 12.86 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। डीसी ने भोगपुर, आदमपुर और फोकल प्वाइंट क्षेत्रों में यातायात की भीड़भाड़ कम करने के उपायों की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस को राजमार्गों पर विशेष रूप से त्योहारी सीजन के दौरान अनधिकृत पार्किंग पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
एनएचएआइ ने 93 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए भेजा
एनएचएआइ के अधिकारी यशवंत ने बताया कि बिधिपुर चौक से फगवाड़ा तक सड़क मार्ग की मरम्मत और पुनर्निमाण के लिए 93 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट अंतिम मंजूरी के लिए हेड आफिस को
भेजा गया है। इस प्रोजेक्ट में पीएपी फ्लाईओवर पर एक अतिरिक्त लेन का निर्माण भी शामिल है, जिसका उद्देश्य वाहनों की आवाजाही को आसान बनाना है। मंजूरी के बाद काम शुरू होगा।
एडीसी बोलीं-जिसको पूरी जानकारी हो, वही मीटिंग में आए
मीटिंग में एनएचएआइ की ओर से दो अधिकारी शामिल हुए। एडीसी अमनिंदर कौर ने हाईवे की सर्विस लेन के गड्ढों पर काफी देर तक बात की। इस पर अधिकारियों ने अपने-अपने अधीन आते प्रोजेक्ट की ही जानकारी होने की बात कही। इस पर एडीसी ने कहा एनएचएआइ के उस अधिकारी को मीटिंग में आना चाहिए जिसे पूरी स्थिति की जानकारी हो। इस पर एनएचएआइ के अधिकारियों ने बड़े अधिकारियों के दिल्ली मीटिंग में जाने की सूचना दी।
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