दशहरे पर बारिश का कहर: जालंधर में रावण-कुंभकर्ण की गर्दन टूटी, जश्न फीका

दशहरे पर बारिश का कहर: जालंधर में रावण-कुंभकर्ण के पुतले गिरे, जश्न फीका

जालंधर। दशहरे के उत्साह पर आज सुबह हुई तेज बारिश ने पानी फेर दिया। शहर के अलग-अलग मैदानों में खड़े किए गए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तेज हवा और बारिश की मार नहीं सह पाए और कई जगहों पर धराशायी हो गए। इस अप्रत्याशित मौसम ने दशहरे के बड़े आयोजन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

आयोजकों को भारी नुकसान

बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान पुतलों को पहुंचाया। बस्ती शेख के ग्राउंड में बने मेघनाद के पुतले की तो गर्दन ही गिर गई, जिससे आयोजकों में मायूसी छा गई। कई ग्राउंडों में पानी भर जाने से तैयारियां धुल गईं। प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने बड़े धूमधाम से पर्व मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन मौसम ने सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया।

उत्साह अभी भी बरकरार

मौसम की बेरुखी के बावजूद, स्थानीय लोगों में त्योहार को लेकर उत्साह अभी भी बना हुआ है। आयोजकों ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही हालात सुधरेंगे, कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा और दशहरे का जश्न मनाने की पूरी कोशिश की जाएगी। हालांकि, बारिश के कारण हुए नुकसान और कार्यक्रम में देरी से लोगों की खुशियों पर असर पड़ा है।

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