पंजाबी संगीत के दिग्गज चरणजीत सिंह आहूजा का निधन

74 साल की उम्र में मोहाली में ली अंतिम सांस, सोमवार को होगा अंतिम संस्कार

पंजाबी संगीत जगत को बड़ा धक्का लगा है। मशहूर संगीतकार और धुनों के शिल्पकार चरणजीत सिंह आहूजा का 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मोहाली में अंतिम सांस ली। आहूजा पिछले कई वर्षों से कैंसर से जूझ रहे थे और उनका इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 1 बजे मोहाली के श्मशान घाट में किया जाएगा।

“पंजाबी संगीत के शिल्पकार”

चरणजीत आहूजा को पंजाबी संगीत का शिल्पकार कहा जाता है। उनकी धुनों ने 1980 और 1990 के दशक में पंजाबी संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

  • सुरजीत बिंदराखिया
  • कुलदीप माणक
  • गुरदास मान
  • अमर सिंह चमकीला
  • सतविंदर बुग्गा
  • गुरकिरपाल सूरापुरी

जैसे अनगिनत लोकगायकों को उनकी धुनों से पहचान मिली। कई कलाकारों का करियर उनके संगीत से शुरू हुआ और वे सुपरस्टार बने।

कलाकारों ने जताया शोक

चरणजीत आहूजा के निधन पर पंजाबी संगीत जगत में शोक की लहर है। गायक सुरजीत खान, सतविंदर बुग्गा, गुरकिरपाल सूरापुरी, सूफी बलबीर, जैली, आर. दीप रमन, भुपिंदर बब्बल, बिल सिंह सहित कई कलाकारों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

 

 

 

 

परिवार और विरासत

 

 

आहूजा अपने पीछे संगीत से जुड़ी तीन संतानों को छोड़ गए हैं, जो उनके संगीत की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी रचनाओं की गूंज आज भी लोकगीतों, शादी-ब्याह और सांस्कृतिक आयोजनों में सुनाई देती है।

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