अन्दर की राह

केवल
भजन कीर्तन से
आपका काम नहीं बनेगा।
भजन कीर्तन शुरुआत है पर अंत नहीं। 
अनेक प्रकार के बाहरी भजन कीर्तन
केवल मन का खेल हैं,
जो समय के साथ बंद हो जाते हैं
पर अन्‍तर में झरने की तरह निरन्तर बह रही 
शब्द की ध्‍वनि कभी बंद नही होती।
अनहद शब्द का रसीला बाजा 
शरीर रुपी मंदिर के अंदर बज रहा है 
जिससे मन की सब तृष्‍णाएँ शांत हो जाती हैं।
अगर आपकी सुरत पल-भर के लिये भी 
अंदर इससे जुड़ जाये तो 
तो आपको परम आनंद मिल जाये।
आपका जीवन संवर जाये।
Let us meditate together as a soul tribe .9878995575 Holistic Ocean

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