कॉल कहीं नहीं गया बल्कि हम चले गए
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भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ताः तपो न तप्तं वयमेव तप्ताः ।
कालो न यातो वयमेव याताः तृष्णा न जीर्णा वयमेव जीर्णाः ॥
भोगों को हमने नहीं भोगा, बल्कि उन्होंने हमें भोग लिया। तपस्या हमने नहीं की,बल्कि हम स्वयं तप गए। काल कहीं नहीं गया बल्कि हम चले गए । तृष्णा नहीं गयी बल्कि हम जीर्ण हो गए।
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