जब News18 ने गुजरात के खेड़ा में रहने वाले साबिर मियां से सवाल पूछा कि आखिर क्यों गुजरात में इस बार भाजपा एतिहासिक जीत हासिल कर सकती है! तो उनका जवाब था कि यहां तो बस मोदी ही हैं, उनका जादू बरकरार है. अगर भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता से पूछा गया तो उनका कहना था कि इस बार लक्ष्य बहुमत की 92 सीट हासिल करना नहीं बल्कि 128 सीट हासिल करना है. जो PM नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन होगा. चुनाव के परिणामों ने इस बात को एक बार फिर से साबित कर दिया है कि गुजरात में भाजपा का गढ़ अभेद्य है. क्योंकि गुजरात के मतदाताओं के मन से माटी के लाल नरेन्द्र मोदी का असर कम नहीं हुआ है. उस पर प्रभावशाली पाटीदारों का 2017 में कांग्रेस के साथ किए गए प्रयोग के बाद थककर वापस भाजपा में लौटना भी इस सफलता की एक अहम वजह रही है.
राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी और कांग्रेस का ‘मौन’ चुनावी अभियान जनता की समझ के बाहर था. कांग्रेस के पारंपरिक मतदाताओं को भी लगा कि पार्टी ने लड़ाई लड़ने से पहले ही हथियार डाल दिए. चुनाव से एक साल पहले भाजपा ने विरोध के सुर उठने से पहले ही मुख्यमंत्री के साथ-साथ पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया. बीजेपी ने विजय रूपानी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाकर ‘एंटी-इनकंबेंसी’ से होने वाले नुकसान को रोका. वहीं गुजरात के लिए नई आम आदमी पार्टी ने भाजपा को थोड़ा झटका देने की कोशिश की लेकिन जल्द ही यह साफ हो गया कि उसके लिए अभी भाजपा को टक्कर देना आसान नहीं है. वहीं अपने चुनावी अभियान के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस के उनके खिलाफ प्रयोग किए गए ‘रावण’ और ‘औकात’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया. गुजरात में भाजपा की जीत की पांच अहम वजहें हैं.
Login first to enter comments.